क्या सच में अच्छे दिन आने वाले हैं
या मेहंगाई के नए मायने रुलाने वाले हैं
क्या फिर बच्चे बेख़ौफ़ स्कूल जा पायेंगे
या फिर कहीं माँ बाप मासूमों की अर्थी उठाएंगे
क्या कुदरत से बद सलूकी कम होगी
या फिर सैलाबों से धरती नम होगी
क्या दोस्ती व् रिश्तों के लिए फुरसत होगी
या फिर belated wishes ही किस्मत होगी
क्या इंसान का इंसान पर फिर ऐतबार होगा
या फिर श्वानों पर ही वफ़ा का भार होगा
क्या बंद होगी फूट डालने की राजनीती
या फिर बढ़ेगी देश में राज्यों की गिनती
या मेहंगाई के नए मायने रुलाने वाले हैं
क्या फिर बच्चे बेख़ौफ़ स्कूल जा पायेंगे
या फिर कहीं माँ बाप मासूमों की अर्थी उठाएंगे
क्या कुदरत से बद सलूकी कम होगी
या फिर सैलाबों से धरती नम होगी
क्या दोस्ती व् रिश्तों के लिए फुरसत होगी
या फिर belated wishes ही किस्मत होगी
क्या इंसान का इंसान पर फिर ऐतबार होगा
या फिर श्वानों पर ही वफ़ा का भार होगा
क्या बंद होगी फूट डालने की राजनीती
या फिर बढ़ेगी देश में राज्यों की गिनती